मानव जाति ने हजारों सालो में जो विकास किया है उसके लिए मनुष्यों द्वारा किये गए अनगिनत अविष्कारों व खोजों को श्रेय जाता है जिसके लिए गहन अध्ययन व शोध कार्य किये गए | अध्ययन की यह क्षमता हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी अत्यधिक लाभ पहुंचाती है | हालाँकि बच्चो के लिए अध्ययन करना सबसे कठिन, बोझिल और उदासीन कार्यों में से एक होता है |
वर्तमान समय में तो स्थिति और भी पेचीदा हो गई है | प्रतिस्पर्धा का स्तर इतना अधिक हो गया है कि अगर बच्चे की पढाई में रूचि ना हो तो उसका अन्य बच्चों के साथ कदम से कदम मिलकर चलना बेहद कठिन हो गया है |
हालाँकि अभिभावकों को इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि बच्चे का करियर उसी दिशा में बनाए जिसमे उसकी स्वयं की रूचि हो | फिर भी बच्चे पढाई में बहुत ज्यादा पीछे नहीं रह जाए इसके लिए भी समुचित उपाय किये जाने चाहिए |
इस बात से तो आप भलीभांति परिचित होंगे कि पढाई करने, कुछ चीज़ समझने या फिर कि याद करने के लिए आपको एक शांत और अच्छा माहौल चाहिए होता है जिससे कि पढ़ी हुई चीज़ समझने और याद करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है |
वास्तु शास्त्र के अनुसार बना स्टडी रूम न सिर्फ बच्चे की समझने और याद करने की क्षमता में इजाफा कर सकता है बल्कि ये एक ऐसा वातावरण भी तैयार करता है जिसमे बच्चे के लिए पढाई सिर्फ एक बोझ बनकर नहीं रह जाती है | तो आइये जानते है वास्तु शास्त्र के अनुसार किस तरह का स्टडी रूम बनाया जाना चाहिए |
स्टडी रूम बनाते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखे –
1- स्टडी रूम के लिए घर की पश्चिमी नैऋत्य (WSW) दिशा उत्तम होती है |
2- वही घर की पश्चिम दिशा में भी स्टडी रूम बनाना बेहतर परिणाम प्रदान करता है |
3- इसके अलावा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या पूर्व दिशा में भी स्टडी रूम बना सकते है |
4- पढ़ते वक्त मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रहे तो सर्वश्रेष्ठ होगा |
5- किताबे या पढाई के अन्य सामान दक्षिण दिशा में रखे |
6- पश्चिम दिशा भी किताबे या अन्य सामान रखने के लिए अनुकूल दिशा है |
7- वर्गाकार या आयताकार स्टडी टेबल का उपयोग करे |
8- पढ़ते वक्त अगर टेबल लैंप का उपयोग करते हो तो इसे टेबल के आग्नेय में रखे |
9- कमरे में दीवारों पर बहुत गहरा कलर ना रखे |
10- स्टडी रूम का दरवाजा पूर्व या उतर में रख सकते है |
11- ईशान या पश्चिम दिशा में भी दरवाजा बनाया जा सकता है |
12- प्राकृतिक प्रकाश और हवा के लिए कमरे में पर्याप्त प्रबन्ध करे |’
13- कंप्यूटर को टेबल पर आग्नेय दिशा में रखे |
क्या ना करे –
1. नैऋत्य में स्टडी रूम ना बनाये |
2. वायव्य दिशा में कमरे का दरवाजा ना रखे |
3. स्टडी रूम के प्रवेश द्वार के लिए नैऋत्य और आग्नेय कोण भी उपयुक्त नहीं है |
4. स्टडी टेबल के ऊपर कोई बीम या भारी निर्माण नहीं होना चाहिए |
5. स्टडी टेबल के ऊपर किताबें रखने के लिए कोई अलमारी (बुक शेल्फ) ना बनाये |
6. दीवार और टेबल के बीच थोड़ी दुरी रखे |
7. स्टडी रूम से संलग्नित शौचालय का निर्माण ना करे |
8. वायव्य कोण में बुक शेल्फ बिलकुल ना रखे |
इन वास्तु सिद्धांतों को लागू कर आप बच्चो के लिए एक बेहतरीन स्टडी रूम बना सकते है | इस प्रकार का स्टडी रूम बच्चो की क्षमता में तो इजाफा करेगा ही बल्कि उनकी पढने में भी अधिक रूचि विकसित होगी |
EXPECT MIRACLES!