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शादीशुदा जीवन के लिए वास्तु [Happy Married Life Vastu]

Dec 20, 2019 . by Sanjay Kudi . 26370 views

vastu tips for marriage

यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि जीवन में आपको अधिकांश ख़ुशी दूसरों के साथ अच्छे संबंधों से मिलती है और ज्यादातर समस्याएं दूसरों के साथ दुखद संबंधों की वजह से पैदा होती है | यह बात और भी सच साबित होती है जब हम किसी व्यक्ति कि शादीशुदा जिंदगी के बारें में बात करते है | चूँकि किसी भी व्यक्ति के लिए उसका जीवनसाथी उसके सबसे करीब होता है ऐसे में उसी के साथ ख़राब संबंधों का होना जीवन को संघर्षमयी बना देता है |

चाहे आपके पास सभी सुख-सुविधाएँ हो लेकिन पति-पत्नी के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो तो ये सुख सुविधायें सिर्फ ध्यान बांटने के काम आती है ख़ुशी हांसिल करने के लिए नहीं | इसलिए पारिवारिक जीवन में शांति का सुख सबसे महत्वपूर्ण होता है और बाकी के सारे सुख इसके अधीन होते है | ऐसे में अब सवाल उठता है कि ‘हैप्पी मैरिड लाइफ’ जीने के लिए क्या किया जाना चाहिए ?

गौरतलब है कि आपमें से कई लोगों ने अपने शादीशुदा जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपने स्तर पर बहुत कोशिशें की होंगी लेकिन फिर भी कही ना कही आपको सफलता हाथ नहीं लगती है | छोटी-मोती बातों पर झगड़ना, एक-दुसरे को नजरअंदाज करना, असुरक्षित महसूस करना, इर्ष्या, बच्चो को लेकर तनाव इत्यादि कुछ ऐसे समस्याएं है जिनका संभवतः आप सामना कर रहे हो | और इसी कारण आपके जीवनसाथी के साथ आपके सम्बन्ध तनावपूर्ण हो|

तो यहाँ सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि किसी भी समस्या का हल निकालने के लिए उसकी जड़ तक पहुंचना आवश्यक है | ये जो समस्याएं जो आपको उपरी तौर पर नजर आती है दरअसल ये परिणाम है उन नकारात्मक प्राकृतिक उर्जाओं का जो आपके घर में विद्यमान है और जो आपके या आपके पार्टनर के विचारों को निगेटिव बना देती है |

किसी भी भवन या घर में नकारात्मक उर्जाओं का प्रवाह वहां उपस्थित वास्तु दोषों के कारण होता है | यह वास्तु दोष भवन में पंच तत्वों (जल, वायु, अग्नि, प्रथ्वी, आकाश) के बीच असंतुलन उत्पन्न हो जाने के कारण आते है | इन तत्वों में पुनः संतुलन स्थापित करके घर में शुभ उर्जाओं का प्रवाह सुनिश्चित किया जा सकता है |  

आपने कई बार यह लोगो को यह कहते सुना होगा कि “जब से हम इस नए घर में आये है तब से हर बात पर झगडे होते है और यह रुकने का नाम नहीं लेते है |” तो आखिर ऐसा क्या होता है कि एक घर बदलते ही आपके संबंधों में भी बहुत बदलाव आ जाता हैं | दरअसल यह सब होता है उर्जाओं के परिवर्तन से | उर्जाओं का यह परिवर्तन आपके विचारों में भी परिवर्तन कर देता है |

उदाहरण के लिए जब आप किसी निगेटिव इंसान के पास बहुत देर तक बैठते है तो आपको भी उर्जा की कमी या नकारात्मकता का अहसास होगा लेकिन जब आप किसी बेहद उर्जावान और पॉजिटिव व्यक्ति के पास बैठते है तो आपको भी उर्जावान महसूस होगा | तो जिस प्रकार से एक इंसान की उर्जा आपको और आपके इमोशंस को प्रभावित करती है तो उसी प्रकार से आपके घर के अंदर मौजूद उर्जा भी आपको प्रभावित करेगी | क्योंकि अंततः सृष्टि में विद्यमान हर चीज़ उर्जा का ही एक रूप है |

लेकिन इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह है कि इन प्राकृतिक उर्जाओं के प्रवाह में सकारात्मक परिवर्तन कर खुशनुमा परिस्थितियों को भी अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है | इसके लिए आपको अपना घर वास्तु सम्मत करना होगा | और इस सम्बन्ध में आपको वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए जा रहे है जो कि इस प्रकार है -

 

1- मैरिड कपल्स के लिए बेडरूम का सर्वोत्तम स्थान/दिशा –

 

bedroom for married couples

 

नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) में स्थित बेडरूम मैरिड कपल्स के लिए सर्वोत्तम दिशा है | वास्तु शास्त्र के अनुसार नैऋत्य दिशा में कपल्स का बेडरूम होना रिलेशनशिप को सकारात्मकता प्रदान करता है आपसी समझ को बढाता है और सबसे महत्वपूर्ण यह स्थान रिश्ते को स्थिरता देता है| बेडरूम के लिए दूसरा सबसे बढ़िया स्थान उत्तरी वायव्य (उत्तरी उत्तर-पश्चिम) है | यह दिशा विशेषतौर से नए मैरिड कपल्स के लिए बहुत अच्छी होती है |

इस उत्तरी वायव्य जोन में स्थित उर्जा मैरिड कपल्स के संबंधों को और मजबूत बनाती है | मॉडर्न वास्तु के अनुसार इस जोन को वैवाहिक आनंद के लिए सर्वोत्तम माना गया है | अगर कोई विकल्प उपलब्ध नहीं हो तो दक्षिण में या पश्चिमी नैऋत्य में भी बेडरूम बनाया जा सकता है | इसके अलावा इस प्रकार से व्यवस्था की जानी चाहिए की सोते वक्त आपका सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर हो |  

किसी भी मैरिड कपल के लिए आग्नेय में स्थित बेडरूम नकारात्मक होता है | यहाँ पर बेडरूम की अवस्थिति पति-पत्नी के संबंधों में तनाव का कारण बन सकती है | इसके अतिरिक्त दक्षिणी नैऋत्य, पश्चिमी वायव्य और पूर्वी आग्नेय भी बेडरूम के लिए उचित जोन नहीं है |

ईशान (उत्तर-पूर्व) में स्थित बेडरूम भी पति-पत्नी में अलगाव की स्थिति उत्पन्न करता है | जहाँ इस जोन में सोना पुरुषों को कमजोर बनाता है वही अग्नि तत्व प्रधान महिलाओं के लिए जल तत्व प्रधान दिशा ईशान में सोना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और अंततः यह परिस्थितियां पति-पत्नी के बीच संबंधों में तनाव पैदा करती है |

 

2- बेडरूम के कलर का आपके अवचेतन के साथ गहरा सम्बन्ध –

 

बेडरूम में होने वाला कलर आपके अवचेतन मस्तिष्क पर गहरा असर डालता हैं | बहुत ज्यादा गहरा या डार्क कलर निरंतर नकारात्मक उर्जा उत्पन्न करता है जोकि हमारा अवचेतन मस्तिष्क ग्रहण करता है और हमारे मन में चलने वाले विचारों को प्रभावित करता है |

जब हमारे मन में निरंतर चल रहे विचार नकारात्मकता ग्रहण करेंगे तो उसका असर अंततः हमारे रिश्तों पर भी नजर आएगा | ऐसे में बेडरूम में हल्के और शांतिप्रिय कलर्स का उपयोग करना चाहिए जैसे कि नैऋत्य में स्थित बेडरूम के लिए आप लाइट येलो कलर का इस्तेमाल कर सकते है वही उत्तरी वायव्य में स्थित बेडरूम में आप लाइट ब्लू कलर भी इस्तेमाल में ले सकते है |

 

3- फर्नीचर का महत्त्व –

 

वास्तु में लकड़ी (wood) को अच्छा माना गया है अतः बेडरूम में स्थित फर्नीचर लकड़ी का बना हुआ होना चाहिए | चाहे वह बेड हो, ड्रेसिंग टेबल हो या अन्य कोई फर्नीचर | मैरिड कपल के लिए इस्तेमाल होने वाला बेड तो निश्चित ही लकड़ी का ही बना होना चाहिए और इस पर Single Mattress का ही उपयोग होना चाहिए | बेड पर किसी भी तरह से कांच (Glass) का बना कोई निर्माण नहीं होना चाहिए |

 

4- मिरर (दर्पण) के प्रभाव और वास्तु की भूमिका–

 

अक्सर लोगों में मिरर को लेकर कई तरह के भ्रम देखने को मिलते है | सबसे बड़ा भ्रम यह है कि आपके बेडरूम में स्थित मिरर में आपका या आपके बेड का प्रतिबिम्ब (reflection) पड़ने पर यह आपके लिए समस्याएं लाएगा और पारिवारिक जीवन को संघर्षपूर्ण बना देगा | जबकि हकीकत में ऐसा नहीं हैं | हालाँकि मिरर की गलत दिशा में मौजूदगी निश्चित ही समस्याए पैदा कर देती है | यह समस्याएं दो परिस्थितियों में उत्पन्न होती है -

पहली परिस्थिति के अंतर्गत दो विपरीत तत्वों की एक साथ मौजूदगी वास्तु दोष उत्पन्न करती है | गौरतलब है कि एक दर्पण या मिरर जल तत्व का प्रतीक है | और जिस दिशा में जल तत्व की मौजूदगी नकारात्मक होगी उस दिशा में मिरर की मौजूदगी भी नकारात्मकता लाएगी | उदाहरण के लिए आग्नेय दिशा अग्नि तत्व से सम्बंधित होती है तथा इस दिशा में जल तत्व के प्रतीक मिरर की उपस्थिति वास्तु दोष पैदा कर देती है |

दूसरी परिस्थिति मिरर के एक अन्य गुण के कारण होती है जिसमे इसकी मौजूदगी किसी दिशा का विस्तार (extension) कर देती है और अगर यह गलत दिशा या जोन में स्थित है तो यह उस दिशा के विस्तार के परिणामस्वरुप अशुभ नतीजे प्रदान करेगा | उदाहरण के लिए अगर यह नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) जोन में स्थित हो तो यह नैऋत्य का भी विस्तार कर देता है और नैऋत्य का विस्तार वास्तु शास्त्र में एक बड़ा दोष माना जाता है | इसी प्रकार अगर मिरर दक्षिणी नैऋत्य जो कि एक डिस्पोजल जोन है, में स्थित हो तो यह अनावश्यक खर्चों को तो बढाता ही है साथ ही शादीशुदा जीवन पर भी नकारात्मक असर डालता है |

इसलिए मिरर की सही दिशा में अवस्थिति अति आवश्यक है | घर में मिरर उत्तर या पूर्व की दीवार पर ही लगाना चाहिए |

 

5- वास्तु के अनुसार दीवारों पर पेंटिंग्स या अन्य कलाकृतियां –

 

इस सम्बन्ध में दो बातें ध्यान रखने वाली है | पहली बात है कि आपको अपने घर में मॉडर्न आर्ट के नाम पर Abstract Paintings या असामान्य कलाकृतियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए | आपको सदैव प्राकृतिक और सुंदर लगने वाली पेंटिंग्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए| क्योंकि किसी भी कमरे या भवन में लगी सुंदर पेंटिंग्स या कलाकृतियाँ सिर्फ उस स्थान विशेष की सुन्दरता में ही इजाफा नहीं करती है बल्कि वह हमारे विचारों पर भी असर डालती है |

दूसरी बात जो ध्यान में रखी जानी आवश्यक है वो है पेंटिंग्स की 16 वास्तु ज़ोन्स के गुणों के मुताबिक उचित दिशाओं में अवस्थिति | उदाहरण के लिए अगर घर की ग्रिडिंग करने पर पूर्व दिशा का उर्जा क्षेत्र कम हो तो उसमे इजाफा करने के लिए एक उपाय के तौर पर पूर्व दिशा में हरियाली से सम्बंधित प्राकृतिक पेंटिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है | इसलिए अगर किसी घर में किसी दिशा या जोन में वास्तु दोष उपस्थित हो तो उस जोन के गुणों के मुताबिक उचित पेंटिंग्स लगाने की सलाह भी वास्तु में दी जाती है |

मैरिज से सम्बंधित पति-पत्नी की पेंटिंग या फोटोग्राफ, मैरिज एल्बम, इत्यादि को नैऋत्य में रखना चाहिए | इस जोन में पति-पत्नी की फोटोग्राफ या एल्बम रखने से पति-पत्नी के रिश्तों में विश्वास और समझ तो बढती ही है साथ ही वैवाहिक जीवन में सामंजस्य की भी स्थापना होती है | लेकिन कभी भी परिवार के किसी भी सदस्य की फोटोग्राफ या एल्बम को दक्षिणी नैऋत्य, पश्चिमी वायव्य या पूर्वी आग्नेय में नहीं रखना चाहिए |

 

कुछ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स –

 

1- चूँकि नैऋत्य का जोन रिलेशनशिप से सम्बंधित जोन है अतः इस जोन में बनाया गया टॉयलेट पति-पत्नी के संबंधो को ख़राब कर देगा | ऐसी परिस्थिति पति-पत्नी में परस्पर दुरी बढ़ा देती है और यहाँ तक कि कई बार यह विवाहेतर संबंधो (Extra Marital Affairs) का भी कारण बनती है | अतः इस जोन में टॉयलेट का निर्माण नहीं करें |

2- किचन चूँकि अग्नि तत्व से सम्बंधित होती है अतः इसका निर्माण ईशान (जल तत्व प्रधान दिशा) में नहीं करना चाहिए | इससे पारिवारिक जीवन में तनाव उत्पन्न होता है |

3- घर के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) का अगर विस्तार (extension) हो तो इसका तुरंत समाधान करें | यह आपसी कलह और निरंतर होने वाले झगड़ों का कारण बनेगा |

4- अपने बेड में किसी भी तरह का अनावश्यक सामान ना रखे जोकि किसी भी तरह की नकारात्मकता पैदा करें |

5- वैसे तो सम्पूर्ण घर को साफ और स्वच्छ रखा जाना चाहिए लेकिन ईशान दिशा को लेकर इस सम्बन्ध में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए |

अंत में यह ध्यान रखने वाली बात है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कहाँ से आ रहे है बल्कि फर्क तो इससे पड़ता है कि आप कहाँ जा रहे है | हो सकता है आपने अब तक जीवन में बहुत संघर्ष किया हो और फिर भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला हो | इस बात से आपको हार नहीं माननी चाहिए | अपने संघर्षपूर्ण जीवन को सही दिशा देने के लिए आप वास्तु के सिद्धांतों को घर पर लागू कर सफलता व समृद्धि हासिल कर सकते है |  

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About the Author

Vastu Consultant Sanjay Kudi

Sanjay Kudi

Sanjay Kudi is one of the leading vastu consultant of India and Co-Founder of SECRET VASTU. His work with domestic and international clients from all walks of life has yielded great results. He has developed a more effective and holistic approach to vastu that draws from the most relevant aspects of traditional vastu, combined with the modern vastu remedies and environmental psychology. Sanjay Kudi, will provide a personalized vastu analysis report to open the door for you to the exceptional potential that the ancient science of Vastu can bring into your life. So, when you’re ready to take your career growth, business and happiness to the next level, simply reach out to us. Feel free to contact us by Phone, WhatsApp or Email.

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