शयन कक्ष वो स्थान है जहाँ हर व्यक्ति प्रतिदिन अपने सोने की आदत के अनुसार कम से कम 6 से 8 घंटे बिताता है | और सोने का यही समय होता है जब हमारा अवचेतन मस्तिष्क सबसे ज्यादा ग्रहणशील अवस्था में होता है| ऐसे में शयन कक्ष का वास्तु हमें ना सिर्फ शारीरिक तौर पर प्रभावित करता है बल्कि यह हमारे अवचेतन मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालता है |
वास्तु शास्त्र घर में एक ऐसा वातावरण निर्मित करता है जिससे की व्यक्ति और उसका अवचेतन मस्तिष्क सोते समय एकदम शांत और सुरक्षित महसूस करे | ऐसे में घर के मुखिया का बेडरूम सही दिशा में अवस्थित होना बेहद जरुरी है | तो आइये जानते है कि घर के मुखिया का शयन कक्ष यानि की मास्टर बेडरूम के लिए वास्तु शास्त्र क्या कहता है |
निम्न प्रकार के बेडरूम (MASTER BEDROOM) वास्तु के अनुकूल होते है —
1- मास्टर बेडरूम के लिए घर में नैऋत्य कोण सर्वोतम होता है |
2- इसके अलावा पश्चिम या दक्षिण में बना बेडरूम दूसरा अच्छा विकल्प है |
3- वर्गाकार या आयताकार बेडरूम |
4- बेड की व्यवस्था इस प्रकार हो कि सोते वक्त आपका सिर दक्षिण की तरफ रहे |
5- पूर्व की तरफ सिर रखकर भी सोया जा सकता है |
6- पश्चिम में सिर करके सोना तीसरा बेहतर विकल्प है अगर पहले दो विकल्प संभव न हो तो|
7- बेडरूम की ऊंचाई 10 फीट या इससे ज्यादा हो |
8- प्राकृतिक रोशनी और हवा की पर्याप्त व्यवस्था हो |
9- आदर्श शयन कक्ष का क्षेत्रफल 180 वर्ग फीट माना गया है |
10- बेड को बेडरूम की नैर्रित्य दिशा में रखे |
11- बेड को कमरे की दक्षिणी और पश्चिमी दोनों ही दीवारों से थोडा दूर रखे |
12- बेडरूम में भारी सामान या फर्नीचर दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखे |
13- टेलीविज़न को उत्तर दिशा वाली दीवार पर रखे |
14- शयन कक्ष मुख्य द्वार से अधिकतम दुरी पर हो |
15- शयन कक्ष में केवल एक प्रवेश द्वार हो |
16- प्रवेश द्वार उत्तरी ईशान या पूर्वी ईशान कोण की तरफ हो |
17- प्रवेश द्वार के विपरीत दिशा में थोडा हटकर रोशनदान या खिड़की की व्यवस्था हो |
18- शयन कक्ष का ब्रह्मस्थान हमेशा खाली रखे |
19- हीटर आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) दिशा में रखे |
20- एयर कंडिशनर दक्षिण या पश्चिम की दीवार पर रखे |
निम्न प्रकार के बेडरूम (Master Bedroom) वास्तु के नियमो के विपरीत होते है —
1- ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में मास्टर बेडरूम बनाना |
2- आग्नेय कोण में बेडरूम |
3- वायव्य कोण में मास्टर बेडरूम की अवस्थिति |
4- बेड के ऊपर किसी प्रकार का बीम, आर्च या भारी निर्माण करना |
5- बेड के सामने किसी द्वार का होना |
6- बेड के सामने दर्पण का होना |
7- उत्तर दिशा की तरफ सिर करके सोना |
8- कमरे की दीवारों पर अधिक गहरे रंगों का प्रयोग |
9- कमरे की दीवारों पर वीभत्स, डरावने चित्रों या तस्वीरों को लगाना |
10- प्राकृतिक हवा व रोशनी की व्यवस्था न होना |
11- बेडरूम का दरवाजा नैर्रित्य दिशा में होना |
शयन कक्ष घर का वो स्थान होता है जहाँ आपका अवचेतन मस्तिष्क पूरे दिन में सबसे ज्यादा सक्रिय होता है | इस वक्त आपके मस्तिष्क में प्रविष्ट भावनाए और उनसे उत्पन्न विचार आपके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते है | इसीलिए बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता रहा है कि सोने से पहले हमें सकारात्मक चीजों के बारे में विचार कर ही सोना चाहिए | अतएव शयनकक्ष के निर्माण के वक्त वास्तु सम्बन्धी सभी पहलुओं पर विचार कर ही कोई कदम उठाये |