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प्लाट के लिए वास्तु| [35 Tips For Buying Plot]

Nov 24, 2018 . by Sanjay Kudi . 36647 views

Vastu Tips For Selection of Plot

एक वास्तु अनुकूल भूखंड का चयन इसलिए बेहद अहम हो जाता है क्योंकि आप अपनी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा उसी भूभाग पर रहने वाले है | उस भूभाग का आकार, उसका स्वरुप, उसकी अवस्थिति, उस जमीन की गुणवत्ता, आसपास का वातावरण आपको जीवनभर सकारात्मक या नकारात्मक तौर पर प्रभावित करेगा |

इसलिए किसी भी प्लॉट, जमीन को खरीदने से पहले वास्तु के सिद्धांतों पर उसे जरुर परख ले और इसके पश्चात् ही अंतिम निर्णय ले |

 

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निम्न प्रकार का भूखंड वास्तु शास्त्र के अनुकूल होगा –

 

1. वर्गाकार भूखंड (आकर के लिहाज से सर्वश्रेष्ट) |

2. आयताकार भूखंड (दूसरा सबसे बेहतर विकल्प) |

3. भूखंड का ढलान उत्तर की ओर हो |

4. भूखंड का ढलान ईशान (उत्तर-पूर्व) की ओर हो |

5. पूर्व दिशा की ओर भी भूखंड का ढलान रखा जा सकता है |

6. वह नैऋत्य में सबसे अधिक ऊँचा हो |

7. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) बढ़ा हुआ भूखंड बेहद शुभ होता है |

8. जमीन के उत्तर या पूर्व में शुद्ध जलाशय (नदी, नहर, झील) की अवस्थिति |

9. जमीन के नैऋत्य, दक्षिण या पश्चिम में ऊँचा टीला, पहाड़ी, ऊँचे वृक्ष, ऊँची इमारत हो |

10. भूखंड जिस सड़क पर स्थित है उसकी चौड़ाई 30 फीट या उससे अधिक होना |

11. उत्तर मुखी या पूर्व मुखी जमीन वास्तु के अनुसार सर्वोतम होती है |

12. भूखंड के तीन तरफ या चारों तरफ रास्ता होना अत्यधिक उपयोगी होगा |

 

निम्न प्रकार का भूखंड वास्तु शास्त्र के सिद्धांतो के विपरीत होगा –

 

1. त्रिभुजाकार भूखंड 

2. वृताकार भूखंड 

3. अंडाकार भूखंड 

4. त्रिशुलाकर भूखंड 

5. आग्नेय दिशा में बढ़ा हुआ 

6. नैऋत्य दिशा में बढ़ा हुआ 

7. वायव्य दिशा में बढ़ा हुआ 

8. अन्य किसी भी दिशा में बढ़ा हुआ (अपवाद – ईशान कोण)

9. आग्नेय दिशा में कटा हुआ 

10. नैऋत्य दिशा में कटा हुआ 

11. वायव्य दिशा में कटा हुआ 

12. ईशान दिशा में कटा हुआ 

13. अन्य किसी भी दिशा में कटा हुआ 

14. किसी भी अन्य प्रकार से अनियमित आकार का भूखंड 

15. नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) में बड़े जलाशय (नदी, नहर, नाला, झील), बड़े गड्ढे की उपस्थिति 

16. उत्तर या पूर्व में किसी ऊँची इमारत, पर्वत, टीले के अवस्थिति 

17. दो विपरीत दिशाओ (उत्तर-दक्षिण या पूर्व-पश्चिम) में ऊँची इमारतो की अवस्थिति 

18. दक्षिण या पश्चिम की ओर ढलान वाले भूखंड 

19. ईशान से नैऋत्य की ओर ढलान वाले भूखंड 

20. दक्षिण या पश्चिम में उपस्थित क्षेत्र उत्तर व पूर्व की अपेक्षा अधिक खुला व खाली हो 

21. भूखंड बंद गली का अंतिम छोर ना हो 

22. जमीन के आसपास  नकारात्मक निर्माण (शमशान, अस्पताल, इत्यादि) ना हो 

23. ट्रांसफार्मर, मोबाइल टावर, या अन्य बिजली स्त्रोत के पास जमीन की अवस्थिति 

कुल मिलाकर वास्तु शास्त्र के सिद्धांत पूरी तरह से तभी लागू हो सकते है जब भवन का निर्माण जिस भूखंड पर किया जा रहा हो वह वास्तु सम्मत हो | अतः किसी अच्छे वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही एक अच्छे भूखंड का चयन करे |

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About the Author

Vastu Consultant Sanjay Kudi

Sanjay Kudi

Sanjay Kudi is one of the leading vastu consultant of India and Co-Founder of SECRET VASTU. His work with domestic and international clients from all walks of life has yielded great results. He has developed a more effective and holistic approach to vastu that draws from the most relevant aspects of traditional vastu, combined with the modern vastu remedies and environmental psychology. Sanjay Kudi, will provide a personalized vastu analysis report to open the door for you to the exceptional potential that the ancient science of Vastu can bring into your life. So, when you’re ready to take your career growth, business and happiness to the next level, simply reach out to us. Feel free to contact us by Phone, WhatsApp or Email.

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Nandu singh

Your contact and Whatsup no please

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