क्या आपकी कार हर कुछ अन्तराल पर ख़राब हो जाती है ? क्या आप निरंतर कार रिपेयरिंग के लिए सर्विस सेंटर के चक्कर काटते है ? या आये दिन आपकी कार के एक्सीडेंट्स हो रहे है ? क्या आपकी कार चोरी हो गई है ? अगर ये आपके सवाल है तो निश्चित ही आपकी कार पार्किंग का स्थान वास्तु सम्मत नहीं है|
गौरतलब है कि समय की कमी, सुविधा और कुछ हद तक स्टेटस सिम्बल के चलते कार एक जरुरत बन गई है | लगभग हर मध्यमवर्गीय परिवार में एक या अधिक कार मिल ही जाती है | हालाँकि ये भी एक सच्चाई है कि लोग कारें तो खरीद रहे है लेकिन घरों में उन्हें रखने के लिए पर्याप्त जगह नही है|
इसलिए घरों में कार रखने के लिए अलग से निर्मित गैराज नहीं मिलते है बल्कि घर में स्थित पोर्च को ही कार पार्किंग के लिए प्रयुक्त किया जाता है|
कार पार्किंग के लिए प्रयुक्त पोर्च और गैराज दोनों के लिये ही वास्तु के सिद्धांत लगभग समान है जिन्हें भवन निर्माण के वक्त ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना या परेशानी दे बचा जा सके|
सही दिशा में कार पार्किंग या गैराज निर्माण के फायदे–
1- रख-रखाव के खर्च में कमी |
2- सुरक्षित यात्राये |
3- निरंतर यात्रायें (नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं इत्यादि के लिए विशेषतः लाभदायक)
4- व्यापारियों के लिए आर्थिक लाभ और व्यवसायिक सफलताओं की प्राप्ति |
गलत दिशा में कार पार्किंग या गैराज निर्माण के नुकसान –
1- दुर्घटनाओं की आशंका |
2- रख रखाव में अत्यधिक खर्च |
3- पड़ोसियों से कार पार्किंग के लिए होने वाले झगडे |
4- अचानक से कार में आग लगना |
5- कार का लगभग एक ही जगह पर पड़े रहना |
कार पार्किंग के लिए महत्वपूर्ण वास्तु के नियम –
1- गैराज के लिए वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) सबसे अच्छी दिशा है |
2- गैराज के लिए दूसरा सबसे बढ़िया विकल्प आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) होगा |
3- गैराज अगर बेसमेंट में हो तो यह केवल उत्तर और पूर्व दिशा में ही होना चाहिए |
4- जगह की कमी के चलते अगर गैराज बनाना संभव ना हो तो कार पोर्च का निर्माण उत्तर दिशा या ईशान में किया जा सकता है | (हालाँकि यह सर्वोतम विकल्प नहीं है)
5- कार पोर्च का निर्माण पूर्व में भी किया जा सकता है |
6- गैराज का प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व की तरफ होना चाहिए |
7- गैराज के प्रवेश द्वार की ऊंचाई मुख्य प्रवेश द्वार से कम होनी चाहिए |
8- कार पार्किंग या गैराज की ढलान उत्तर या पूर्व की तरफ होनी चाहिए |
9- कार का आगे का हिस्सा हमेशा पूर्व की या उत्तर की तरफ देखता हुआ होना चाहिए |
10- कार पार्किंग के बाद भी चारों ओर 2-3 फीट का क्षेत्र कम से कम खुला बचना चाहिए|
कार पार्किंग के निर्माण के वक्त निम्न सावधानियां रखे –
1- नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) कार पोर्च या गैराज के लिए निषिद्ध है |
2- ईशान कोण में भी गैराज बनाना वास्तु सम्मत नहीं है | (कार पोर्च बनाया जा सकता है)
3- बेसमेंट में स्थित गैराज कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए |
4- कार का आगे का हिस्सा पार्किंग के दौरान दक्षिण या पश्चिम की ओर देखता हुआ नहीं होना चाहिए |
कार पार्किंग के लिए स्थान का चयन करते समय निश्चित ही हमें वास्तु के सिद्धांतों का ध्यान रखना चाहिए | क्योंकि कुछ विशेष स्थानों और दिशाओं में कार पार्किंग होने पर वह दुर्घटनाओं का, चोरी होने या रखरखाव में अधिक खर्चे का कारण बन सकती है |
वही दूसरी और सही जगह पर इसका निर्माण करने पर आपके द्वारा की जाने वाली यात्राओं के तो अच्छे परिणाम आयेंगे ही, साथ कार के रखरखाव का खर्च भी तुलनात्मक रूप से कम हो जायेगा |